Gangaur Mata Ki Aarti PDF

नमस्कार भक्तों आज हम आप सभी के समक्ष गणगौर माता की आरती / Gangaur Mata Ki Aarti PDF प्रस्तुत कर रहे हैं गणगौर एक त्योहार है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है होली के दूसरे दिन यानी चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से जो नवविवाहिता हर रोज गणगौर पूछती हैं वह चैत्र शुक्ल द्वितीय के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपने द्वारा पूजी हुई गणगौर को पानी पिलाते हैं और दूसरे दिन शाम के समय उनका विसर्जन करती हैं यह व्रत अर्थात गणगौर माता का व्रत विवाहित स्त्रियों के लिए पति का अनुराग उत्पन्न करने वाला और कुंवारियों को उत्तम पति देने वाला है इससे सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है।

Gangaur Mata Ki Aarti PDF – PDF Details

PDF Name गणगौर माता की आरती
No. of Pages 4
Category Religion & Spirituality
Source https://justprofessionals.net/
PDF Size 1 Mb
Language हिंदी
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गणगौर माता की आरती – 1

म्हारी डूंगर चढती सी बेलन जी

म्हारी मालण फुलडा से लाय |

सूरज जी थाको आरत्यों जी

चन्द्रमा जी थाको आरत्यो जी |

ब्रह्मा जी थाको आरत्यो जी

ईसर जी थाको आरत्यो जी

थाका आरतिया में आदर मेलु पादर मेलू

पान की पचास मेलू

पीली पीली मोहरा मेलू , रुपया मेलू

डेड सौ सुपारी मेलू , मोतीडा रा आखा मेलू

राजा जी रो सुवो मेलू , राणी जी री कोयल मेलू

करो न भाया की बहना आरत्यो जी

करो न सायब की गौरी आरत्यो जी

गणगौर माता की आरती – 2

जय पार्वती माता जय पार्वती माता

ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।

 

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

 

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा

देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।

 

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता

 

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

 

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता

सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।

 

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता

 

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

 

देवन अरज करत हम चित को लाता

गावत दे दे ताली मन में रंगराता।

 

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता

 

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।

जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।

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