नमस्कार भक्तो आज हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Mata Aarti PDF नवरात्रियों के प्रथम दिन शैलपुत्री माता की पूजा की जाती हैं इनके पिता का नाम पर्वतराज हिमालय हैं पर्वतों के महाराज हिमालय की पुत्री हने के कारण इन्हें शैलपुत्री माता कहा जाता हैं! माता शैलपुत्री का वाहन वृषभ अथवा बैल है! शैलपुत्री माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाए हाथ में कमल – पुष्प सुशोभित हैं!
इससे पहले शैलपुत्री माता ने अपने पूर्व जन्म में महाराज प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में जन्म लिया था, तब इनका नाम सती भी था इनका विवाह देवो के देव महादेव / भगवान भोलेनाथ शंकर जी से हुआ था माता शैलपुत्री के पूजन से नवदुर्गा महोत्सव की शुरुआत हुई थी अत: इनकी पूजा – अर्चना विधि – विधान से करनी चाहिए!
नवरात्रों में नो दिन अलग – अलग देवियों की पूजा की जाती हैं नवरात्रों के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती हैं तो दूसरे दिन माता ब्रहाम्चारिणी की पूजा की जाती है वही नवरात्रों का तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित किया जाता हैं नवरात्रों के चोथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा – अराधना की जाती है नवरात्रों के पाचवे दिन माता स्कंदमाता का ध्यान किया जाता हैं नवरात्रों के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा – अर्चना की जाती हैं नवरात्रों के सातवे दिन माता कालरात्रि का विधिपूर्वक पूजन अवश्य करें तथा माता कालरात्रि की कथा व आरती भी अवश्य करें नवरात्रों के आठवे दिन पूरे विधि – विधान से महागौरी माता की पूजा करनी चाहिए सिद्धिदात्री माता का पूजन नवरात्रों के नवे अथवा अंतिम दिन किया जाता हैं इसी दिन भक्तजन कंजको को माता रानी का प्रसाद खिलाते हैं तथा कंजको को पूजते हैं!
शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Mata Aarti PDF
शैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥
शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥
पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥
रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥
सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥
उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥
घी का सुन्दर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के॥
श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥
जय गिरराज किशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥
मनोकामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥
शैलपुत्री माता की आरती विधि
- सर्वप्रथम नवदुर्गा पूजन हेतु घटस्थापना करे!
- देवी माँ का स्मरण करें!
- देवी माँ को पुष्प, चन्दन, तथा अन्य सामग्री वस्तु अर्पित करे!
- देवी माँ की कथा पढ़ें!
- अब माता शैलपुत्री की आरती करें!
- अंत में सहपरिवार देवी माता का आशीर्वाद ग्रहण करें!
आप नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके शैलपुत्री माता की PDF/ Shailputri Mata Aarti PDF के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है नीचे दिए गये बटन में लिंक पर क्लिक करने से PDF डाउनलोड कर सकते है!